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कार का टायर पंक्चर, भूत बंगला और सच्ची दोस्ती

 बिलकुल , एक छोटी सी कहानी सुनाता हूँ .

कार का टायर पंक्चर, भूत बंगला और सच्ची दोस्ती एक दिन बात है एक छोटा सा गाँव था, जहाँ एक अर्जुन नाम लड़का रहता था, अर्जुन के घर के पास एक हवेली थी, जिसे  सब  "भूत बांग्ला "कहते थे , क्यों की कुछ लोग कह रहे थे की वहाँ रात को भूत दीखते हैं . .

अर्जुन का दोस्त, समीर, उससे बहुत डरता था और एक दिन उसने अर्जुन से कहा , "अर्जुन भाई , मुझे एक राज़  पता चला है. भूत बांग्ला में एक कार का टायर पंक्चर हुआ है, और वहाँ एक पुराणी कहानी जुडी हुई है ."

कार का टायर पंक्चर, भूत बंगला और सच्ची दोस्ती

अर्जुन ने हंस कर कहा , "कोई बात नहीं , समीर भाई . चलो हम उस टायर को ठीक करते हैं , और शायद वह भूत भी हमसे दोस्ती कर ले ." तभी कुछ आवाज़ें आयी, लेकिन वह कोई भूत नहीं ,बल्कि एक बूढी औरत थी जो वहाँ अकेली रहती थी . उसने अर्जुन और समीर को देखा और मुस्कुराकर बोली , "धन्यवाद , मेरे बच्चों . तुम दोनों ने मेरी मदद की "

कार का टायर पंक्चर, भूत बंगला और सच्ची दोस्ती

अर्जुन ने पूछा, "आंटी, ये क्या कहानी है?" बूढ़ी औरत ने हंस कर बताया, "ये कार मेरी पति की थी, और वो यहां एक्सीडेंट में चले गए थे। मैं हमेशा यहां अकेली रहती हूं, लेकिन आज तुम दोनों ने मेरे दिल को छू लिया है। अब हम दोस्त हैं।" इसके बाद, अर्जुन और समीर ने हर रात भूत बांग्ला में टाइम स्पेंड किया, और उनकी दोस्ती और कार रिपेयर स्किल्स से वो जगह फिर से जिंदा हो गई।

कार का टायर पंक्चर, भूत बंगला और सच्ची दोस्ती

यह थी एक प्यारी सी कहानी कार के टायर पंक्चर की , और दोस्ती की .

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