गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: 700 किलोमीटर लंबाई, 22 जिलों को कनेक्टिविटी, सुरक्षा के लिहाज से भी अहम
Gorakhpur Shamli Greenfield Expressway: गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे की चर्चा तेज हो गई है। यह एक्सप्रेसवे कई लिहाज से अहम होने वाला देश में सबसे अधिक लंबाई वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की सूची में इसका नाम शुमार होगा। यह एक्सप्रेसवे सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होने वाला है।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिलने वाली है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर से शामली के बीच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। इस एक्सप्रेसवे के बनने से प्रदेश में कनेक्टिविटी का एक नया रास्ता खुल जाएगा। यह एक्सप्रेसवे कई एक्सप्रेसवे से कनेक्टेड होगा। एक तरफ इसके यूपी के प्रस्तावित सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होने की बात कही जा रही है। वहीं, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी कनेक्ट हो जाएगा। गोरखपुर से सिल्लीगुड़ी तक 6 लेन के ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की योजना पर काम चल रहा है। 25 हजार करोड़ की लागत से इस योजना को पूरा कराया जा रहा है। इस योजना के साथ ही अब गोरखपुर शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर भी चर्चा शुरू हो गई है। केंद्रीय पथ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की ओर से इस योजना की घोषणा की गई है। उन्होंने वर्ष 2024 तक यूपी को 5 लाख करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने की घोषणा की है। 35 हजार करोड़ की लागत से बनने वाली गोरखपुर- शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की योजना भी इसी का हिस्सा है। केंद्रीय मंत्री ने जल्द ही इसके टेंडर जारी किए जाने के दावे किए हैं। यह एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के साथ-साथ सुरक्षा के लिहाज से भी अहम होने वाला है।
प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे की योजना पर काम तेज हो गया है। 700 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को लेकर रूट मैप भी सामने आया है। यह एक्सप्रेसवे राज्य के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से इस एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। एनएचएआई की ओर से इस योजना पर काम भी तेज कर दिया है। 700 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे छह लेन वाला होगा।
सामरिक रूप से होगा महत्वपूर्ण
गोरखपुर-शामली कॉरिडोर यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा। एक्सप्रेसवे भारत- नेपाल सीमा के पास से होकर गुजरेगा। सीमा के आसपास के इलाकों में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना पर काम शुरू हुआ है। सुदूर इलााकों को प्रदेश और देश के विभिन्न इलाकों से कनेक्ट करने में यह एक्सप्रेसवे सहायक हो जाएगा। नेपाल के करीब हो रहे इस निर्माण से चीन की गतिविधियों को भी कंट्रोल करने में सहायता मिलेगी। एक्सप्रेसवे पर हवाई पट्टी का भी निर्माण कराया जाएगा। इस पर जेट विमानों की लैंडिंग की सुविधा रहेगी। आपात स्थिति में यहां पर युद्धक विमान लैंड कर सकेंगे। देश और प्रदेश की सुरक्षा में यह एक्सप्रेसवे काफी महत्वपूर्ण होगा।
प्रदेश के दो छोर को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे यूपी के दो छोर को जोड़ेगा। पूर्वी यूपी के गोरखपुर से शुरू होकर यह पश्चिमी यूपी के शामली जिले तक जाएगा। इस बीच यह 22 जिलों के 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। इन इलाकों में विकास की नई किरण लेकर यह एक्सप्रेसवे आएगा। गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे गोरखपुर से निकलने के बाद संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराईच से होते हुए लखनऊ पहुंचेगा। लखनऊ से यह एक्सप्रेसवे सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, बिजनौर, अमरोहा, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर से होते हुए शामली पहुंचेगा।
औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
एक्सप्रेसवे के निर्माण के जरिए सरकार यूपी में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है। उद्योग धंधों के विकास की पहली शर्त कनेक्टिविटी की होती है। अगर सड़कों का विकास न हो तो विकास की धारा भी उन इलाकों तक नहीं पहुंच पाती है। गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण से यूपी की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद तैयार प्रोडक्ट को बाजार और कच्चे माल को इकाइयों तक पहुंचाना आसान होगा। इससे व्यापार में लाभ होगा। निवेशकों का रुझान बढ़ेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे से होगी कनेक्टिविटी
गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे की कनेक्टिविटी गंगा एक्सप्रेसवे से भी होगी। 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण गंगा नदी के किनारे के शहरों को कनेक्ट करने के लिए किया जा रहा है। गंगा नदी के किनारे बसे शहर और ग्रामीण इलाकों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे के गोरखपुर शामली एक्सप्रेसवे से कनेक्ट होने के बाद प्रदेश के किसी भी हिस्से में एक्सप्रेस रफ्तार में पहुंचना संभव हो जाएगा।
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