बहुत समय पहले की बात है
अगर आप लोगो को "एक गरीब किसान की कहानी" अच्छी लगो तो अपने दोस्तों से जरूर सञ्छा करे
ये कहानी है छोटे से गाँव में रहने वाले एक किसान की। उसका नाम रामु था। वह गरीब था, लेकिन उसमें एक ऊँची ऊर्जा और मेहनत की भावना थी।
रामु हमेशा अपने खेतों में काम करता रहता था।
रामु के पास एक छोटा सा खेत था, जिसमें वह अपने परिवार के लिए फसलें उगाता था। उसका जीवन सीधा-सादा था, लेकिन वह अपनी मेहनत में कभी भी कमी नहीं करता था। धूप, बर्फ, बरिश, ये सभी आपदाओं के बावजूद, रामु हमेशा अपने खेतों में काम करता रहता था।
एक बार, गाँव में अच्छी बरिश हुई और सभी किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद होने लगी। लेकिन रामु का खेत छोटा ही था इसलिए उसकी फसल और किसने से भी थोड़ी हुई जिसे आधे गाँव के किसान इस बात को महसूस कर रहा थे।
दूसरे किसान रामु के पास आकर बोले, "रामु, तेरा खेत तो बहुत ही छोटा है, इतनी कम फसल से कैसे गुजरा चलेगा ?
रामु मुस्कराते हुए उत्तर दिया, "जी हां, मेरा खेत छोटा है, लेकिन मेरी मेहनत बड़ी है। मैं हर दिन इसे सही ढंग से देखभाल करता हूँ और उसमें पूरी ईमानदारी से मेहनत करता हूँ मेरी म्हणत ही मेरा गुजरा है
मेरी मेहनत बड़ी है।
दूसरा किसान हैरान होकर पूछता है, "लेकिन तेरा तो खेत बहुत छोटा है, तू अपनी कमाई से अपनी जरूरतों को कैसे पूरा करता है?" रामु मुस्कराते हुए कहता है, "मेरी जरूरतें छोटी हो सकती हैं, लेकिन मेरी मेहनत बड़ी है। मैंने यहां से सीखा है कि सफलता का मतलब इस बात से नहीं है कि हमारी जेब में क्या है, बल्कि सफलता का मतलब इस बात से है कि हमारी मेहनत में क्या है। रामु की यह कहानी गाँव वालों को अच्छी तरह से समझ आई कि सच्ची मेहनत और ईमानदारी से कोई भी काम संभव है, चाहे आपके पास जितना भी हो। रामु ने दिखाया कि गरीबी को बहुत ही आसान रूप में पार किया जा सकता है जब हम मेहनत करते हैं और आत्मनिर्भर बनते हैं।
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